Easy Knowledge of Stock Market for New Investors.
बहोत सारे ऐसे लोग हैं जो शेअर मार्केट में पैसो को invest करना चाहते हैं
लेकिन उनको पता ही नहीं हैं की
शेअर मार्केट में निवेश करने के लिये शुरुवात कहाँ से की जाए,
मैं उन सभी नए लोगों को जिनको पता नहीं हैं
शेअर मार्केट के बारे और वों लोंग डरते हैं
शेअर मार्केट से मै उन्ह सभी नए लोगों को बताना चाहूँगा की ये शेअर
मार्केट में निवेश करना बहोत ही आसान और बहोत ही सिंपल हैं|
अगर आप अच्छी तरह से ध्यान देते हो या इसके
ऊपर अपना फोकस रखते हो| बहोत ऐसे लोग जो हैं शेअर मार्केट में अपना नशीब आजमाकर सफल हुए हैं और
ऐसे भी लोग हैं जो इस के राह पर आगे भी सफल होने वाले हैं, मैं आपको एक बात बताना चाहूँगा जो बात एक
महान इन्वेस्टर की हैं, उन्होंने कहाँ हैं की अगर आपको आमिर बनाना हैं तो आपका अमीरी का रास्ता शेअर
मार्केट से ही होकर गुजरता हैं, मतलब कहने की बात ये हैं की अगर आपको आमिर बनना हैं तो आपको शेअर
मार्केट में निवेश करना चाहिये||
मैं शेअर मार्केट के बारे में सिंपल भाषा में आपको बताऊँगा ताकि कुछ चीजे आपको जल्दी समझ आये,
मैने कई ऐसे लोग देखे जो कहते हैं की शेअर मार्केट एक जुआ हैं एक धोखा हैं. शेअर मार्केट में पैसे गँवाने
की संभावना जादा रहती हैं, ऐसा नहीं हैं और मैं ऐसा भी नहीं कहूँगा की शेअर मार्केट में रिस्क नहीं हैं,
लेकीन रिस्क उन लोगो के के लिए हैं जो शेअर बाजार को बराबर समझ नहीं पाए, और हो सकता हैं की
उनका किसी कंपनी का शेअर लेने से लॉस हुआ हो उस कंपनी का दिवाला निकाल चूका हो. मैंने कई ऐसे
युटूबर को भी ये कहते हुए देखा हैं की शेअर मार्केट में निवेश ना करे, लेकिन सच्चाई कुछ अलग ही हैं अगर
आप थोडीसी रिसर्च करतो हो तो आपको पता चलेगा की वो जो रिस्क हैं जो आपके मन घुसा दी हैं वो रिस्क
नहीं रहेगी वो ख़तम हो जाएगी. तो आपको कुछ बाते ध्यान में रखनी चाहिए जो मैं आगे बताने जा रहा हूँ ये
बाते बहोत सिंपल तरीके में आपको मैं समझा रहा हूँ ताकि आपका डाउट पूरी तरह से क्लिअर हो जाए|
की संभावना जादा रहती हैं, ऐसा नहीं हैं और मैं ऐसा भी नहीं कहूँगा की शेअर मार्केट में रिस्क नहीं हैं,
लेकीन रिस्क उन लोगो के के लिए हैं जो शेअर बाजार को बराबर समझ नहीं पाए, और हो सकता हैं की
उनका किसी कंपनी का शेअर लेने से लॉस हुआ हो उस कंपनी का दिवाला निकाल चूका हो. मैंने कई ऐसे
युटूबर को भी ये कहते हुए देखा हैं की शेअर मार्केट में निवेश ना करे, लेकिन सच्चाई कुछ अलग ही हैं अगर
आप थोडीसी रिसर्च करतो हो तो आपको पता चलेगा की वो जो रिस्क हैं जो आपके मन घुसा दी हैं वो रिस्क
नहीं रहेगी वो ख़तम हो जाएगी. तो आपको कुछ बाते ध्यान में रखनी चाहिए जो मैं आगे बताने जा रहा हूँ ये
बाते बहोत सिंपल तरीके में आपको मैं समझा रहा हूँ ताकि आपका डाउट पूरी तरह से क्लिअर हो जाए|
जानते हैं नए इन्वेस्टर के लिए पहली बात और
पहली बात ये हैं की,
शेअर मार्केट जो शेअर की ट्रेडिंग की जाती हैं उस ट्रेडिंग के चार प्रकार होते हैं उनसे हम दो प्रकार को
जानेंगे बाकि दो प्रकार जो हैं उसके बारे मैं हम कभो और बात करेंगे, अभी आज हम समझते हैं की
जानेंगे बाकि दो प्रकार जो हैं उसके बारे मैं हम कभो और बात करेंगे, अभी आज हम समझते हैं की
1 इंट्रा डे ट्रेडिंग और दूसरा हैं,
2 लॉन्ग टर्म ट्रेडिंग जब भी आप नए नए invest करते हो तो आपको यही जो ट्रेडिंग के प्रकार हैं जो
आसानी से समझने होंगे|
आसानी से समझने होंगे|
intra day trading
intra day ट्रेडिंग के अन्दर एक ही दिन में आपको किसी भी का कंपनी का स्टॉक खरीदना और उसीदिन वो लिया गया स्टॉक को आपको मार्केट बंद होने से पहले बेचना होता हैं|
जो नए लोग हैं जिन्होंने अभी अभी demat का अकाउंट खोला हैं या खोलने वाले हैं उनके के लिए तो ये
पॉसिबल ही नहीं हैं की एक दिन में शेअर खरीदो और बेचो क्योकि इसमे हद से जादा जोखिम होती हैं.
नए लोग को इसमे बिलकुल भी ट्रेडिंग नहीं करनी हैं.क्योकि वो लोग जो कुछ भी पैसे लेकर आये थे वो
सब गँवा देंगे क्योकि ये उन नए लोगे के लिय एक जुआ खेलने जैसा हैं, इसमे पल पल में रिस्क बनी रहती हैं,
इसके लिए आपको एक्सपर्ट की सलाह लेने की जरुरत रहती हैं या खुद एक्सपर्ट बनना होता हैं. क्योकि जो भी
एक्सपर्ट हैं वो इंट्रा डे ट्रेडिंग में शेअर invest के लिए नहीं खरीदते बल्कि दिनभर ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाने के
लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग करते हैं.
पॉसिबल ही नहीं हैं की एक दिन में शेअर खरीदो और बेचो क्योकि इसमे हद से जादा जोखिम होती हैं.
नए लोग को इसमे बिलकुल भी ट्रेडिंग नहीं करनी हैं.क्योकि वो लोग जो कुछ भी पैसे लेकर आये थे वो
सब गँवा देंगे क्योकि ये उन नए लोगे के लिय एक जुआ खेलने जैसा हैं, इसमे पल पल में रिस्क बनी रहती हैं,
इसके लिए आपको एक्सपर्ट की सलाह लेने की जरुरत रहती हैं या खुद एक्सपर्ट बनना होता हैं. क्योकि जो भी
एक्सपर्ट हैं वो इंट्रा डे ट्रेडिंग में शेअर invest के लिए नहीं खरीदते बल्कि दिनभर ट्रेडिंग करके मुनाफा कमाने के
लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग करते हैं.
तो इससे हमने ये सिखा की शुरू के कुछ दिन महीनो या सालो में हमें इससे दूर रहना चाहिए जब तक हम शेअर
मार्केट को मास्टर नहीं कर लेते|
मार्केट को मास्टर नहीं कर लेते|
long term trading
इस ट्रेडिंग को long term इन्वेस्टिंग भी कहा जाता हैं. इस ट्रेडिंग में आप किसी कंपनी का स्टॉक खरीद के लाँग
टाइम के लिए होल्ड कर सकते हैं. इसमे आप स्टॉक को लंबे समय तक खुद के पास रखकर और सही समय पर
बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.अगर आपको long term में निवेश करके मुनाफा कमाना हो तो आपको किसी
भी कंपनी के स्टॉक को ६ महीने से लेके आने वाले कुछ सालो तक याने ५ या १० साल या उससे भी जादा समय
या कम समय के लिये होल्ड करके रख सकते हो,इस ट्रेडिंग में जादातर स्टॉक में मुनाफा ही मिलाता हैं.
long term ट्रेडिंग में जादा जोखिम नहीं होती इस ट्रेडिंग को रिस्क फ्री भी कहा जाता हैं, हमारे भारत देश के
सबसे बड़े इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला और दुनिया सबसे ३ आमिर इन्सान जिन्हें दुनिया शेअर मार्केट के
जादूगर के नाम से जानती हैं वो वारेन बफेट ये दोनों भी long term इन्वेस्टिंग को ही मानते और महत्त्व देते हैं,
और नए लोगे को वो यही सलाह देते हैं की अगर आप अच्छा रिटर्न चाहते हो तो आपको long term invest
करना होगा.
टाइम के लिए होल्ड कर सकते हैं. इसमे आप स्टॉक को लंबे समय तक खुद के पास रखकर और सही समय पर
बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.अगर आपको long term में निवेश करके मुनाफा कमाना हो तो आपको किसी
भी कंपनी के स्टॉक को ६ महीने से लेके आने वाले कुछ सालो तक याने ५ या १० साल या उससे भी जादा समय
या कम समय के लिये होल्ड करके रख सकते हो,इस ट्रेडिंग में जादातर स्टॉक में मुनाफा ही मिलाता हैं.
long term ट्रेडिंग में जादा जोखिम नहीं होती इस ट्रेडिंग को रिस्क फ्री भी कहा जाता हैं, हमारे भारत देश के
सबसे बड़े इन्वेस्टर राकेश झुनझुनवाला और दुनिया सबसे ३ आमिर इन्सान जिन्हें दुनिया शेअर मार्केट के
जादूगर के नाम से जानती हैं वो वारेन बफेट ये दोनों भी long term इन्वेस्टिंग को ही मानते और महत्त्व देते हैं,
और नए लोगे को वो यही सलाह देते हैं की अगर आप अच्छा रिटर्न चाहते हो तो आपको long term invest
करना होगा.
अब जानते हैं दूसरी बात को दूसरी बात ये हैं की,
शुरू में आपको इंट्रा डे ट्रेडिंग ना करके आपको ३ साल ५ साल या फिर १० साल या उससे जादा के साल में
भी आप निवेश कर सकते हैं, उन शेअर को आप लॉन्ग टाइम के लिए अपने पास होल्ड करके रख सकते हो.
इसमे कम रिस्क की बात ये हैं की आप जो भी शेयर लेते हैं वो एक ही कंपनी से ना ले अलग-अलग कंपनी में
निवेश करे याने की अलग-अलग कंपनी के शेयर ख़रीदे कई बार ऐसा होता हैं की बहोत सारे लोग जो हैं वो
एक ही कंपनी के जादा मात्र में शेयर खरीद लेते हैं, तो आप ऐसा ना करें एक ही कंपनी के जादा मात्रा में शेअर
ना ख़रीदे इसे एक उदहारण से समझे एक कंपनी हैं जिसका नाम भारती एयरटेल है और आपने सोचा की
आपको इस कंपनी के दस हजार शेअर आपको लेने हैं तो ये बात गलत हैं,और ये बात मैं उन नए लोगो को
कह हा हूँ जो लोग शेयर मार्केट में निवेश करके खडे होना चाहते है.मैं उन लोगो की बात ही नहीं कर रहा जो
की शेअर मार्केट में मास्टर हैं, तो आगे बढ़ते हैं तो आपको वही दस हजार शेयर को अलग अलग कंपनी में लगाना
हैं जैसे की आप पांच सौ शेअर या हजार शेअर या देड हजार मतलब ऐसी छोटी छोटी मात्रा में अलग अलग
कम्पनी से लेकर लेकर होल्ड कर सकते हैं ,इन सबमे होगा ये की दस हजार शेअर आपने दस अलग अलग
कंपनी से लिए हैं और आगे चलके मतलब कुछ तिन या पांच साल के बाद उन दस में दो कंपनी के शेअर अगर
गिर भी जाते हैं तो भी आपके पास बाकि बचे आठ कंपनी योके शेअर आपको उन दो कंपनी के मुकाबले जादा
ही मुनाफा कमा कर देंगे,या उस गैप को भर देगे.तो इस बात से ये समझ में आता हैं की आपको एक कंपनी में
invest ना करके अलग अलग कंपनी में invest करना चाहिए .
भी आप निवेश कर सकते हैं, उन शेअर को आप लॉन्ग टाइम के लिए अपने पास होल्ड करके रख सकते हो.
इसमे कम रिस्क की बात ये हैं की आप जो भी शेयर लेते हैं वो एक ही कंपनी से ना ले अलग-अलग कंपनी में
निवेश करे याने की अलग-अलग कंपनी के शेयर ख़रीदे कई बार ऐसा होता हैं की बहोत सारे लोग जो हैं वो
एक ही कंपनी के जादा मात्र में शेयर खरीद लेते हैं, तो आप ऐसा ना करें एक ही कंपनी के जादा मात्रा में शेअर
ना ख़रीदे इसे एक उदहारण से समझे एक कंपनी हैं जिसका नाम भारती एयरटेल है और आपने सोचा की
आपको इस कंपनी के दस हजार शेअर आपको लेने हैं तो ये बात गलत हैं,और ये बात मैं उन नए लोगो को
कह हा हूँ जो लोग शेयर मार्केट में निवेश करके खडे होना चाहते है.मैं उन लोगो की बात ही नहीं कर रहा जो
की शेअर मार्केट में मास्टर हैं, तो आगे बढ़ते हैं तो आपको वही दस हजार शेयर को अलग अलग कंपनी में लगाना
हैं जैसे की आप पांच सौ शेअर या हजार शेअर या देड हजार मतलब ऐसी छोटी छोटी मात्रा में अलग अलग
कम्पनी से लेकर लेकर होल्ड कर सकते हैं ,इन सबमे होगा ये की दस हजार शेअर आपने दस अलग अलग
कंपनी से लिए हैं और आगे चलके मतलब कुछ तिन या पांच साल के बाद उन दस में दो कंपनी के शेअर अगर
गिर भी जाते हैं तो भी आपके पास बाकि बचे आठ कंपनी योके शेअर आपको उन दो कंपनी के मुकाबले जादा
ही मुनाफा कमा कर देंगे,या उस गैप को भर देगे.तो इस बात से ये समझ में आता हैं की आपको एक कंपनी में
invest ना करके अलग अलग कंपनी में invest करना चाहिए .
अब जानते हैं तीसरी बात
ये बात सबसे एहम हैं इस बात पर ही आपके शेअर और निवेश का फ्यूचर depend याने की निर्भर होता है.
आप जिस कंपनी में निवेश करना चाहते हैं उस कंपनी का past-future दोनों देखे. past याने की जो कंपनी या
जो कंपनिया आप चुनते हैं उस कंपनी की ५ साल की प्रोफाइल देखे की कौनसी कंपनी ने पांच साल के अन्दर
कितने पॉजिटिव रिटर्न दिए या फिर निगेटिव्ह रिटर्न दिए हैं ((कंपनी में analysis करने जैसा बहोत रहता हैं
लेकिन नए लोगो को उन चीजो के तरफ ध्यान नहीं देना हैं एकबार आप शेअर बाझार को समझने लगोगे तो वो
चीजे आपको मालूम पड़ती जाएगी)) अगर पॉजिटिव रिटर्न दिए हैं तो आप निवेश कर सकते हैं.
जो कंपनिया आप चुनते हैं उस कंपनी की ५ साल की प्रोफाइल देखे की कौनसी कंपनी ने पांच साल के अन्दर
कितने पॉजिटिव रिटर्न दिए या फिर निगेटिव्ह रिटर्न दिए हैं ((कंपनी में analysis करने जैसा बहोत रहता हैं
लेकिन नए लोगो को उन चीजो के तरफ ध्यान नहीं देना हैं एकबार आप शेअर बाझार को समझने लगोगे तो वो
चीजे आपको मालूम पड़ती जाएगी)) अगर पॉजिटिव रिटर्न दिए हैं तो आप निवेश कर सकते हैं.
कंपनी का फ्यूचर याने की कंपनी आगे आने वाले सालो में कौन से प्रोडक्टिव्ह काम करने वाली हैं आगे के पांच
दस सालो में कंपनी के भविष्य के प्लान क्या क्या हैं, जिसके माध्यम से कम्पनी की ग्रोथ हो सके,याने की कम्पनी
का फ्यूचर देखकर ही निवेश करे, ताकि ऐसा ना हो आप कम्पनी निवेश करेगे और वो कम्पनी के पास फ्यूचर का
कुछ भी vision ना हो और वो दो या तिन साल के अन्दर डूब जाए.
दस सालो में कंपनी के भविष्य के प्लान क्या क्या हैं, जिसके माध्यम से कम्पनी की ग्रोथ हो सके,याने की कम्पनी
का फ्यूचर देखकर ही निवेश करे, ताकि ऐसा ना हो आप कम्पनी निवेश करेगे और वो कम्पनी के पास फ्यूचर का
कुछ भी vision ना हो और वो दो या तिन साल के अन्दर डूब जाए.
कंपनी का सीईओ कौन हैं वो देखे सीईओ के बारे में पढ़े सीईओ की आजतक की प्रोफाइल चेक करे सीईओ ने
अपने कार्यकाल में कम्पनी को कितना आगे तक ले गया कौनसे सही फैसले लिए जिन फैसलों से कम्पनी का
फायदा हुआ ये सब चीजे देखे और कंपनी की मनेजमेंट कैसा हैं मनेजमेंट टीम के अन्दर कौन कौन हैं उनकी
उस कम्पनी में कैसी परफोर्मस रही उसको भी analysis करे..
अपने कार्यकाल में कम्पनी को कितना आगे तक ले गया कौनसे सही फैसले लिए जिन फैसलों से कम्पनी का
फायदा हुआ ये सब चीजे देखे और कंपनी की मनेजमेंट कैसा हैं मनेजमेंट टीम के अन्दर कौन कौन हैं उनकी
उस कम्पनी में कैसी परफोर्मस रही उसको भी analysis करे..
इन तिन बातो से आप कमपनी के बारे में पूरी जानकारी इकट्टा कर के और सही डिसिजन लेकर कंपनीयोमें
निवेश कर सकते हैं.
निवेश कर सकते हैं.
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